लेखनी कविता -टेलीफोन - बालस्वरूप राही

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टेलीफोन / बालस्वरूप राही हेलो, हेलो, कौन बोलता? ज़रा-ज़रा से बोलो जी! पापा जी से बात करोगे? चले गए बाजार अभी। उनका बेटा बोल रहा हूँ, मुझे बताओ, क्या है काम! ...

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